हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद हिंदी कविता | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD HINDI POEM

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हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद हिंदी कविता | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD HINDI POEM


संछिप्त परिचय – जयशंकर प्रसाद

३० जनवरी १८९0 – 15 नवम्बर १९३७, हिन्दी कवि, नाटकार, कथाकार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार. हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक. हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की. युगप्रवर्तक लेखक, एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिंदी को गौरव करने लायक कृतियाँ दीं. कविता में निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के चौथे स्तंभ के रूप में प्रतिष्ठित. नाटक में भारतेंदु के बाद एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार. ४८ वर्षो के छोटे से जीवन में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास और आलोचनात्मक निबंध आदि विभिन्न विधाओं में रचनाएं की. ‘कामायनी’ पर मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ. जीवन में साहित्य को अर्जन का माध्यम नहीं बनाया, साधना समझकर ही साहित्य की रचना करते रहे. ऐसी विविध प्रतिभा का साहित्यकार हिंदी में कम ही मिलेगा जिसने साहित्य के सभी अंगों को अपनी कृतियों से समृद्ध किया हो.

BOLTECHITRA 1 – हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD

हिंदी में :

हिमाद्रि तुंग शृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती
स्वयंप्रभा समुज्ज्वला
स्वतंत्रता पुकारती

हिमाद्रि = हिमालय, बर्फ से ढके पर्वत. तुंग = ऊँचे. श्रृंग = पर्वत की चोटी. स्वयंप्रभा = आत्म-प्रबुद्ध. समुज्ज्वला = पूरी तरह से प्रज्ज्वलित होने को तैयार.

IN ENGLISH :

The sacred motherland
strong with mountain ranges
Self enlightened
the burning desire of freedom calls

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Himadri tung shring
se prabuddh shuddh bharati
Swayamprabha samujjwala
swatantrata pukaarati
Himaadri = himaalay, barf se ḍhake parvat. Tung = oonche. Shrring = parvat kee choṭee. Svaynprabhaa = aatm-prabuddh. Samujjvalaa = pooree tarah se prajjvalit hone ko taiyaar.
(nextPage)

BOLTECHITRA 2 – हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD


हिंदी में :

अर्मत्य वीर पुत्र हो 
दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो
प्रशस्त पुण्य पंथ है 
बढ़े चलो बढ़े चलो!

अर्मत्य = अजर अमर. प्रशस्त = सराहनीय..

IN ENGLISH :

Immortal brave son that you are
think hard
The road you have taken is a holy one
march on march on!

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Amartya veer putra ho
dridh pratigya soch lo
prashasta punya panth hai
badhe chalo-badhe chalo

Armaty = ajar amar. Prashast = saraahaneey.

(nextPage)

BOLTECHITRA 3 – हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD


हिंदी में :

असंख्य कीर्ति रश्मियाँ
विकीर्ण दिव्य दाह-सी
सपूत मातृभूमि के 
रुको न शूर साहसी

IN ENGLISH :

Innumerable lights
like heavenly fire
Oh good son of the motherland
don't hesitate Oh brave heart

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Asankhya keerti rashmiyaa.N
vikeerna divya daah si
Sapoot matrubhoomi ke
ruko na shoor sahasi
(nextPage)

BOLTECHITRA 4 – हिमाद्रि तुंग श्रृंग से – जयशंकर प्रसाद | THE SACRED MOTHERLAND – JAISHANKAR PRASAD

हिंदी में :

अराति सैन्य सिंधु में 
सुबाड़वाग्नि से जलो 
प्रवीर हो जयी बनो 
बढ़े चलो बढ़े चलो!

अराति = घमंडी दुश्मन. सुबाड़वाग्नि = आग जो सागर को प्रकाशित कर सके.

IN ENGLISH :

Demolish the enemy camp
like a raging fire
You are brave be triumphant
march on march on!

IN HINGLISH OR PHONETIC :

araati sainya sindhu mein
subaaDvaagni se jalo
praveer ho, jayi bano
badhe chalo, badhe chalo!

Araati = ghamnḍaee dushman. Subaadvaagni = aag jo saagar ko prakaashit kar sake.

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